उपचार, परिवार और आज़ादी का एक काव्यात्मक संस्मरण।
ये सात फुसफुसाहटें बचपन, आघात, रिश्तों और प्यार की तलाश को एक ऐसे दोस्त की आवाज़ के ज़रिए बयां करती हैं जिसने अपने दिल की बात कहने के लिए लंबे समय तक इंतज़ार किया है।
कहानी, प्रकृति और चिंतन का मिश्रण, यह किताब आपको आत्म-खोज और शांत परिवर्तन की यात्रा पर आमंत्रित करती है।
दो माँ की पुकार (eBook)
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